Chandrayaan-3: A Historic Moment for India and the World
Chandrayaan-3: A New Era of Lunar Exploration
चंद्रयान-3 भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का तीसरा चंद्र मिशन है। इसे 14 जुलाई 2023 को श्रीहरिकोटा, भारत में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक लैंडर और रोवर को नरम लैंडिंग कराना है। लैंडर का नाम विक्रम है, और रोवर का नाम प्रज्ञा है।
Chandrayaan-3: India's Next Giant Leap in Space
चंद्रयान-3 मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यदि सफल होता है, तो यह भारत को चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान को नरम लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बना देगा। मिशन वैज्ञानिकों को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को बेहतर ढंग से समझने में भी मदद करेगा, जो एक ऐसा क्षेत्र है जिसे अभी तक विस्तार से नहीं खोजा गया है।
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Chandrayaan-3: India's Third Lunar Mission to Soft-Land on the Moon's South Pole
चंद्रयान-3 मिशन का इतिहास
चंद्रयान-3 मिशन की शुरुआत 2007 में हुई थी, जब इसरो ने चंद्रयान-3 के विकास के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। मिशन को 2018 में लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन कुछ तकनीकी देरी के कारण इसे 2023 तक स्थगित कर दिया गया था।
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चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर विक्रम का नाम भारत के पहले अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। रोवर प्रज्ञा का नाम संस्कृत शब्द "प्रज्ञा" से लिया गया है, जिसका अर्थ है "ज्ञान"।
चंद्रयान-3 मिशन को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा:
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चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश
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चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग
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लैंडर से रोवर को बाहर निकालना
चंद्रयान-3 मिशन का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी की खोज करना है। इस क्षेत्र में पानी की मौजूदगी इसरो को इस बात का बेहतर समझने में मदद करेगी कि चंद्रमा का भूगर्भ कैसे विकसित हुआ है।
Chandrayaan-3: India's Quest for Water on the Moon
चंद्रयान-3 मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मिशन भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा।
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